Saturday 8 February 2020

बीते लम्हे (गाना)

यह सारे लम्हे जो हम,
साथ में गुजारते हैं,
कब यादें बन जाते हैं,
इसका कभी भी अंदाज़ा नहीं लगा पाते हैं। वक़्त दौड़ता है,
रास्ते मोड़ता है,
हम हो जाए परे,
मगर याद रहेंगे सदा वह बीते लम्हे। कुछ लम्हों में,
मुस्कुराहट है,
तो कहीं,
चीखते हुए रोने की आहट है। वक़्त दौड़ता है,
रास्ते मोड़ता है,
हम हो जाए परे,
मगर याद रहेंगे सदा वह बीते लम्हे। घाव भरते हैं,
मगर यादों में फिर जलते हैं,
कुछ बातें हम भुला न सके,
रोना नहीं चाहते थे मगर खुद को रुका न सके। वक़्त दौड़ता है,
रास्ते मोड़ता है,
हम हो जाए परे,
मगर याद रहेंगे सदा वह बीते लम्हे। खुशियों का जश्न याद है,
उनमें अलग सी दाद है,
एक दूसरे की अहमियत का एहसास है,
साथ निभाने के वचन अब बन गए इतिहास है। वक़्त दौड़ता है,
रास्ते मोड़ता है,
हम हो जाए परे,
मगर याद रहेंगे सदा वह बीते लम्हे। © कृतिका भाटिया

No comments:

Post a Comment