Friday 15 July 2016

Dharm

धर्म ने सभी को जुदा किया,
एक होकर कोई न रह पाया।
हर धर्म के अलग-अलग नियम,
धर्मों से है यह संसार भरा।

हमें अपने धर्म पर नाज़ है,
हमें अपने धर्म पर गर्व है।
हर किसी का धर्म है उसके लिए खास,
हर धर्म का अलग पर्व है।

धार्मिक है वह जो अपने धर्म को,
देते हैं प्राथमिक दर्जा।
वह नहीं है धार्मिक जो दूसरे धर्मों को,
दिखाता है गलत रास्ता।

धर्म चाहे जो हो,
भेद-भाव न हो।
एकता और समानता से रहो,
बाधा आने पर एक-दूसरे की सहायता करो।

शिकायत न करो किसी की,
मिलेगा तुम्हें अपमान।
हर जाति, हर धर्म का,
करना चाहिए हर किसी को सम्मान।

Monday 4 July 2016

36 Guna

हर कोई ढूंढ़ता है,
अपनी पत्नी में वह ३६ गुण,
जब तक ऐसी  लड़की न मिले,
तब तक वह रिश्ते हैं खोजते।

सुंदरता, हमदर्दी और प्यार,
यह है उन गुणों में से कोई विशेषताएँ,
हर कोई कुण्डली  मिलाना चाहता है,
उसके बाद ही उससे शादी करता है।

अगर उन गुणों में से,
एक भी गुण न मिले,
तो घबराहट के दौरान,
उस लड़की को कर देते हैं अंजान।

इतना क्या है उन गुणों में?,
पति-पत्नी के बीच प्यार है अगर,
तो वह ३६ गुण किसी काम के नहीं,
बस रिश्ते में समझदारी है ज़रूरी।