Thursday 12 July 2018

छल (गाना)

दबी-दबी सी,
है हँसी मेरी,
कुछ उलझी-उलझी सी,
है तक़दीर मेरी ।

कौन है भरोसेमंद यहाँ?
छल से भरा है ज़माना,
कौन है मित्र किसका?
कौन अपना, कौन पराया ।

सब दुनियावाले,
नक़ाब पहनकर है घूमते,
चेहरे पर बनते हैं अच्छे,
घूमते ही बन जाते हैं बुरे ।

दो तस्वीरें रखते हैं लोग,
बदलते रहते है ढूँढते ही संजोग,
नादान परिंदे, रहे हैं भोग,
ऐसे लोगों का फैलाया रोग ।

दबी-दबी सी,
है हँसी मेरी,
कुछ उलझी-उलझी सी,
है तक़दीर मेरी ।

छल से तुम बने,
अच्छे से बुरे,
कभी पूछा है खुद से,
अपनों से कितने हुए हो परे?

बुरी आदतें,
शीघ्र है सीखते,
संस्कार अपने,
है भूल जाते ।

प्रख्यात बनने की चाह में,
छोड़ जाते हैं हम अपनों को राह में,
इस दुनिया के छल की आग में,
हम हैं तबाह होते ।

दबी-दबी सी,
है हँसी मेरी,
कुछ उलझी-उलझी सी,
है तक़दीर मेरी ।




A Mother's Love

When you are born,
Your first cry,
Is heard by your Mom.

She holds you in her arms,
And thanks God,
While promising Him not to cause you any harm.

A child,
Is a mother's pride,
She protects him from this world that's wild.

Unconditional is her love,
She knows no boundaries,
For you, she will fight with the sky above.

She wants her kid,
To be the best,
And she'll ensure to give you more than what you deserve without batting an eyelid.

She is selfless,
She is protective,
Never will she let the world destroy the life of her prince or princess.

She will always love you,
Till her last breath,
And will keep on inspiring you.

Don't you hurt her,
Don't cause her pain,
Because she is the one to bring you here.

Love and respect her feelings,
She'll always be the best,
As she's the first woman to tug your heart's strings.

तुम कहीं, मैं कहीं

सौ बार तुमको देखा,
सौ बार तुम पे हुए फिदा,
यह आँखें तेरी कह जाए मुझे,
तुझसे में कभी न होऊँ जुदा ।

कुदरत ने ऐसी बनाई हमारी लकीरें,
कि वह है एक जगह पर मिलते,
जीवन की संघर्षों को साथ मिलकर करें सामना,
चले साथ हम जहाँ हैं जलते अंगारे ।

सौ वादे किए,
सौ बिताए लम्हे,
यह ज़िन्दगी है अधूरी,
तुम बिन हम एक कदम भी न चले ।

मगर हालात हुए कुछ ऐसे,
तुम मुझसे दूर चलते गए,
थक गए तुम्हें ढूँढकर हम,
तुम बिन हम साँसें न ले सके ।

अगर पता होता हमें,
कि ऐसे दिन आएँगे,
तो पहले ही हो जाते सतर्क,
तुम्हें कभी न छोड़ते अकेले ।

अब तुम्हें खो चुके हैं हम,
तुम्हें न देखने का है दिल में ग़म,
कहाँ खोजती रहूँगी मैं?
मेरे हौसले तोड़ने लगे हैं दम ।

मिलना है हमें तुमसे,
करनी है ढेर सारी बातें,
तुम चले गए हो बहुत दूर,
अब तो सारी मुलाक़ातें बन गई हैं यादें ।

तुम हो कहीं,
मैं हूँ कहीं,
अब तो हमें वह ही मिलाएगा,
जिन पर भरोसा करते हैं सभी ।