Friday 16 October 2015

Diamonds

One of the most sought after,
One of the most precious.
A dream for all women,
To possess this.

Diamonds are formed,
Under lots of heat and pressure.
It's not easy for it to become what it is,
It is today, every woman's pleasure.

Diamonds are known,
To cut glass.
They're so shiny and sparkle in the dark,
They're very prominent when teamed with a sari and you get acknowledgements as you pass.

They're not easy to buy,
You need lots of purchasing power.
The Kohinoor is one of the purest forms,
It's a bliss that one discovers.

A dream for some,
A greed for some.
Diamonds will continue to rule,
The industry of jewels and will be overtaken by no one.

Wednesday 14 October 2015

Ouch! It hurts

कभी भी,
इस नाज़ुक दिल को न दुखाना।
क्योंकि इसकी मरम्मत के लिए,
लगेगा एक पूरा ज़माना।

इसे नज़रअंदाज़,
करने की हिम्मत न करना।
क्योंकि यह दिल,
दूसरे दिलों को रग-रग से है पहचानता ।

इसे तोड़कर,
मिलेंगे सिर्फ काँटे ।
मिलकर भी,
बढ़ेंगे फ़ास्ले।

Ouch! It hurts,
कहेगा यह दिल,
और दूर होती जाएगी,
तेरी मंज़िल।

इसे खिलवाड़,
बिलकुल पसंद नहीं।
जो भी इसे धोखा देता है,
वह ज़्यादा देर तक ज़िंदा रहता नहीं ।

Ouch! It hurts,
कहे यह दिल मेरा।
क्योंकि इसका विश्वास,
हर कोई है तोड़ता।

इसे मरहम लगाने वाला,
काश कोई मिले।
इसी ज़िंदगी के अँधेरे में,
आकर इससे लग जाए गले।

कभी न बिछड़ने का,
वादा कर बैठे ।
उसे निभाए हर दम,
फिर कभी इस दिल को न तोड़े ।

दूसरों के आक्रमण से,
बचाकर रखे सदा।
दुआ करेंगे उसके भलाई के लिए,
की हर चोट के लिए उसे मिले दवा ।



जीयो जिन्दगी खुल के

बहुत खुशनसीब हैं वह,
जिन्हें मनुष्य का जन्म मिलता है।
यह जन्म हर कोई पाना चाहता है,
क्योंकि इस जन्म में हम कर्मों को सुधार सकते हैं ।

एक ही बार,
मिलता है ऐसा जन्म।
किस्मत उनकी लम्बी हो सकती है, और छोटी भी,
इसमें कर्मों का फल मिलता है हमको ही ।

एक ही तो जन्म है,
एक ज़िंदगी ।
क्यों न इसे,
जीये  खुल कर ही?

मौज करो,
ऐश करो।
कल का तुम,
फ़िक्र मत करो।

क्योंकि वह हमारे हाथ में नहीं,
जो है, वह आज का दिन है।
हम इस पल में खुशी ला सकते हैं और घम भी,
इस दिन को संभालने की ली है हमने जवाबदारी ।

ज़िंदगी लोकल की तरह है,
जहाँ  लगता है कि  मौके हैं हज़ार ।
मगर एक ऐसा मोड़  आएगा,
जहाँ हम पछताएँगे बार-बार।

कहेंगे कि  काश,
मैंने वह लोकल पकड़ी होती,
तो आज यूँ इंतेज़ार न करना होता,
कितनी रात हो गयी है, सो जाता जब  होता  उजाला।

ज़िंदगी छोटी है, यारों,
जीयो इसे खुल कर।
क्या पता यह मौक़ा फिर मिले या नहीं,
हम बिछड़ने के बाद मिलें  नहीं ।

आराम अब करना है,
मुश्किलों का सामना करके।
न रहना है किसी से,
छुपकर, डरके।

डरना हमने सीखा नहीं ,
छुपाना अपनी फितरत में नहीं ।
मस्ती भरी है अपनी दुनिया ,
जीने की ख्वाहिश रखो, और लिखो हज़ारों कहानियाँ।

कहानियाँ निरंतर होंगी,
होंगे दरार बड़े।
मगर हम इस मैदान पर रहेंगे,
डट कर खड़े ।

कोई चुनौती दें ,
तो फुटबॉल की तरह उसे जवाब दें ।
गोल जब तक न मिले,
तब तक परिश्रम करते रहना है हमें ।






Tuesday 13 October 2015

Awesome Years of My Life

When you're born as a Princess,
You live like one.
Surprises await you,
They're always different from other ones.

Especially when it's your birthday,
You feel so proud,
To be born in a royal family,
You feel like thanking God aloud.

Royal treatment is given to you,
Your wishes are fulfilled.
Your needs are given priority,
You are given anything, no matter how much the weather is chilled.

No matter how much stress my parents go through,
They've always fulfilled my needs.
They're not less than a King and a Queen,
They are like pearl beads.

Which bring beauty,
To anyone's neck.
Their honesty and love,
Needs no check.

Whatever I demand,
I get,
Be it a cell phone,
Or a diamond set.

I've always loved them,
More than anybody else.
They've taken so much of pain,
To make me shine like a gem.

Thanks Pops,
For enlightening my life.
Filling it with laughter and merriment,
And making it one of the most memorable moment.

Thanks Maa,
For always  being there,
Guiding me at every step,
Like a ray of light on a road that's 'bare'.

Friday 9 October 2015

Not even a glance

You broke up,
I didn't.
Nor was I at fault,
You wanted a world that could never halt.

We parted ways,
Because we were different from each other.
We never made an attempt,
To visualize the problems through which we went.

We wanted to meet our needs,
We made many vows.
Now don't tell me they were fake,
For God's sake.

We couldn't adjust,
To our situations.
We were rigid,
We took decisions without even batting an eyelid.

Never did we think,
Before taking any step.
We blindly did as we wished,
And now, see how life has ditched.

You wanted to settle elsewhere,
And I never wanted to leave my family.
You thought values were rubbish,
But, I couldn't fulfill that wish.

You gave not even a glance,
As you said goodbye.
How much I cared for you,
Everyday I would bring you a joke, new.

I made you laugh,
Till the day didn't end.
You went away,
Without even thinking of how I would stay.

You were fast-paced,
Unlike me.
You wanted to fulfill your dreams,
And we both were from different streams.

You didn't even turn back,
As you left.
I couldn't even give you a hug and a kiss,
All those moments spent with you, I'll really miss.


 

Thursday 8 October 2015

शिकवा

न थी कभी कोई परेशानी,
न पहुँचाया किसी को हानि।
फिरते थे खुश होकर,
क्या पता था की रास्ते में ही खाएंगे ठोकर?

कुछ भी बदला न था,
हम दोनों में थी एकता।
जुदाई का बादल कब बरस पड़ा,
और हम दोनों एक दूसरे से हो गए ख़फा ।

फिर कभी मिले नहीं,
किए कभी बातें नहीं ।
एक ऐसा मोड़ आ गया,
मानो भगवान के चेहरे पर मायूसी छा गया।

कुछ तो लोचा था,
जिस बात से हम दोनों में दरार पडा।
फिर रब से जाकर शिकवा किया,
उसने हमें एक दूसरे से अलग क्यों किया?

शिकवा किया की तुमने,
हमें दर्द क्यों दिए ?
क्यों ज़िंदगी ने,
ऐसे खेल खेले?

शिकवा किया की आज,
हमारा ताज,
टूट गया हमेशा के लिए,
न रहे अब खुशी के लम्हे।

कभी बहस न की,
न शिकायत की।
एक आलीशान ज़िंदगी ,
जीने की तमन्ना की ।

अब तो वह भी न रही,
जाने किस जहान  में वह चली ।
उसे ढूँढ़ते -ढूँढ़ते आ पहुँची,
उसी स्थान पर जहाँ से शुरु की थी ज़िंदगी ।

उसे पुकारा,
उसे दिया सबसे ऊँचा दर्जा ।
मगर वह फिर भी नहीं आयी ,
उसने दी है मुझे यह दुहाई ।

आँसू बहते निरंतर ,
दर्द होता है सीने के अन्दर।
कबसे शिकवा कर रही हूँ परमात्मा से,
कि एक बार उसे लौटा दे मुझे।
कि एक बार उसे लौटा दे मुझे।




Tuesday 6 October 2015

Dehleez

इस दुनिया में,
हज़ारों दहलीज़ मिलेंगे,
जैसे घर का दहलीज़, दफ्तर का दहलीज़, इत्यादि।

इन सब में प्रवेश करना आसान है,
इनका कोई नियम नहीं,
यहाँ  हर कोई आता-जाता है, कभी भी ।

एक दहलीज़ ऐसी है,
जो हर कोई पार करना चाहता है,
वह 'दरवाज़े' के खुलने का इंतज़ार करता है।

मगर उसे क्या पता,
कि इस 'घर' के हम मालिक हैं ,
उसे चाहे रखें, या इस दिल से हमेशा के लिए निकाल सकते हैं ।

इस चौखट पर कदम,
वही रख सकता है ,
जो प्रेम से बातें करें और वादे निभाए।

इस दहलीज़ को पार करने के लिए,
कुछ नियमों  का अनुगमन करना होगा,
और नर्मी से पेश आना होगा।

यह है दिल की  दहलीज़ ,
जो बहुत नाज़ुक है ,
इसमें हर कोई सामान्य है।

तो फिर, किस बात पर घबराना,
अच्छे हो दिल से, तो अंदर आना,
मगर भविष्य में कभी भी,
इस चौखट के बाहर कदम न  रखना।

न करना इस दिल को शर्मिन्दा,
क्योंकि यह दिल है भोला,
इस दहलीज़ को पार करना ही एक है चुनौती,
यह दिल करता है हर मेहमान  की रखवाली ।

जो भी तुम्हारा दिल कहे,
उसे सुनना ,
कभी भी इसे,
अँधेरे में न रखना।

विश्वास करो इस पर,
मिट जाएगा डर,
हर किसी के लिए बनो उदाहरण,
करो इस अँधेरी दुनिया को रोशन।







Palkon se ashq (Gaanaa)

इतना दर्द सहा है,
की अब उठने की क्षमता नहीं ।
दिल है कह रहा कबसे,
कि  बस कर, रुक जा वहीं ।

दर्द से बेहाल ह्रदय,
रो-रो कर रब से,
माफी मांग रहा है,
कह रहा कि अब छोड़ दो मुझे।

अश्क़ों की नदियाँ ,
बह रही हैं इन पलकों से।
अब सहन-शीलता का रब,
ले रहा है इम्तेहान बरसों से।

इन अश्क़ों को रोकना,
थोड़ा मुश्किल है।
क्योंकि ज़िंदगी में जो कमी है,
यह अश्क़ उनके हैं नतीजे।

कभी दर्द-भरी,
तो कभी घम के आसूँ ,
ऐसे हैं प्रकार इसके,
मगर खुशी के अश्क़ों को देखने के लिए, हर दम मैं तरसूं ।

कभी तो वह भी थकेगा,
घम देते-देते।
इन पलकों में थोड़ा सा,
भर देगा अश्क़ खुशी के। 

Saturday 3 October 2015

Raanjhanaa (Song)

दिल को छू  जाती है,
सपनों में नज़र आती है।
हर रात निंदिया न आए,
हर रात यूँ  ही मन ख़्यालो में खो जाए।

कुछ यादें मिटती  नहीं,
कुछ धुंधली हैं हो जाती ।
वक़्त का कारनामा तो देख तू,
इस ज़िंदगी में पहले न  कभी साथ पाया हूँ ।

रांझणा वे,
मेरी गल सुन जा रे,
तू भी कह दे कुछ,
इन सुन्दर होठों से।

तुझसा न देखा कभी,
न ही तुझसा मिला है कोई।
अब मेरी शिकायत ही नहीं ,
है ऊपरवाले से अब कोई ।

ऐ ज़िंदगी,
मेरी खुशी की वजह,
अब तू है बन गयी,
मेरे दिल में तू है पा गयी एक ख़ास जगह।

तुझे देखूँ दिन-भर,
तुझे सोचूँ रात-भर।
तुझे देखे बिना हो जाता हूँ बेचैन,
रातों को सो न पाता  हूँ इस क़दर ।

रांझणा वे,
मेरी गल सुन जा रे,
तू भी कह दे कुछ,
इन सुंदर होठों से।

तेरे बगैर जीना,
लगे जैसे धूप  में पसीना।
हर लम्हा पसीना बहता है,
यह शरीर मुझसे कहता है।

कि  अगर साथ मिलता,
तो आज मैं अकेला न होता ।
तेरी पलकों से आँसू पोछनेवाला ,
बनाकर बैठा है ऊपरवाला।

इतना प्रेम करता हूँ तुझसे,
अपनी जान की कुर्बानी दे दूँ तेरे लिए।
तुझ पर मरता हूँ हर डगर,
आ, बन जा मेरी हमसफ़र।