Wednesday 5 September 2018

ज़िन्दगी (गाना)

सिर्फ एक ही बार मिलती है,
मिलते ही होंठो पर हँसी खिलती है।
नसीब पाया है तुमने, जनाब,
आज, इस जन्म में, पिछले कर्मो का देना है जवाब।

कितने दिन, कितने साल , चलेंगी तुम्हारी सांसे,
लौटोगे तुम, आये थे जहाँ से।
मौत और जन्म का फासला,
कौन है अकेला बिताता?

परिवार मिला, प्यार मिला,
दोस्त मिला, रूठे का चेहरा खिला।
आज नहीं तो कल, बिछड़ना है,
आज, इसी पल मुझे उड़ना है।

बेफिक्र, बेखौफ हो कर,
कुछ कहना था मुझे, मगर,
दुनिया के सामने अपने सम्मान की चिंता करते हुए,
वह लफ्ज़ रह गये, दिल में दबे हुए।

समाज भी कैसा है?
उन्हें हर जगह दिखे सिर्फ पैसा है।
पैसेवालों से चलती है दुनिया,
उन से ही मिलती है खुशियाँ।

ऐसी सोच रख कर,
हम कभी न गए आगे बढ़कर।
वही करो जो तुम चाहो,
अपने बोल लिखकर, उसे गाओ।

जितनी देर ज़िंदा हो,
अपने सपने साकार करो।
यह दुनिया बड़ी ज़ालिम है, मेरे दोस्त,
न यहाँ जीएँगे, और न ही जीने देंगे, मेरे दोस्त।

आज की शाम,
ज़िन्दगी के नाम,
वह करो जो कभी न किया हो,
जियो, जैसे जीने के लिए आज का ही दिन मिला हो।

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