Thursday 27 April 2017

आँचल (गाना)

तू कहाँ है मेरे लाल,
तेरी राह तकूँ, हो कर बेहाल |
कब लौटेगा तू यह बता,
ऐसे न मुझे सता |

करूँ तुझे लाड-प्यार,
इतना कि तू भूल जाए अंधकार,
मेरे आँचल में आ जा,
तुझे लोरी सुनाऊँ हर दफा |

कितनी देर तक रूठेगा मुझसे,
बनाऊँ तेरे लिए स्वादिष्ट चीज़ें,
मनाऊँ तुझे ऐसे ही,
मेरा संसार है तू ही |

जो माँगा,
वह दिया,
जैसे चाहा,
वैसे किया |

डर है कहीं,
यह आँचल सूना न पड़ जाए,
तुझे देखे बिन अब तो,
रहा न जाए |

लौट जा शीघ्र,
करूँ तेरी प्रतिक्षा,
तुझे होनहार बनने की,
दी है मैंने शिक्षा |

डर है कहीं,
यह आँचल सूना न  पड़ जाए,
तुझे देखे बिन अब तो,
रहा न जाए |

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