Monday 9 December 2019

हंस - दुःख ज़िंदगी

हज़ारों ख्याल है मन में,
हर रोज़ है हम जागते,
कल जो बीता वह अतीत है,
आज जो है वह हमें करता भयभीत है।

उतार - चढ़ाव तो है हर जीवन का हिस्सा,
दुःख - दर्द से भरा है हर किसी का किस्सा,
किसी के नसीब में खुशियां टिकती नहीं,
तो किसी को बख्श मिलती है ज़िंदगी।

जो खुश है, वो दुःख का दस्तक देखता नहीं,
जो दुःखी है, वह सुख के पल जीता नहीं,
अजीब कहानी है हर मनुष्य की,
कोई स्वार्थ के लिए करता है सैकड़ों की बर्बादी।

जीना तो हस - रोकर करना है,
मौत का तो दस्तक किसे पता है,
जब सारी खुशियां हासिल हो जाती है,
तब ही मृत्यु के पदचिह्न डरा देती है।

यह है आम ज़िंदगी, दोस्तों,
हर पल को मुस्कान से भरो,
खुद पर भी लिख सकते हो कहानी,
ताकि दूसरों को प्रेरित करती रहे आपकी हस - दुःख ज़िंदगी।

No comments:

Post a Comment