Tuesday 17 January 2017

हंगामे (गाना)

हम और तुम जब मिले,
तो चारों ओर फैले उजाले। 
हम और तुम जब मिले,
तो चारों ओर फैले उजाले। 

एक-एक पल मस्ती में डूबे,
ऐसे करें हम हंगामे। 

रोज़ सुबह नींद में लिपटे,
बेफिक्रे हो कर लेते करवटें। 
बाहें फैलाकर करें स्वागत,
चाहे हर पल हो जन्नत या आफ़त। 

एक-एक पल मस्ती में डूबे,
ऐसे करें हम हंगामे । 

ज़ोर से चिल्लाएँ एक-दूसरे का नाम,
जब हो, या न हो काम। 
धीरे-धीरे शरारतें बढ़ती हैं,
जब हमारे साथ तू लड़ती है । 

एक-एक पल मस्ती में डूबे,
ऐसे करें हम हंगामे । 

सड़कों पर चलें जब हम,
तो लोग हैं देखते हमें,
क्या नौटंकी करते हैं, न पूछो तो अच्छा है,
हम तो मानते हैं कि दिल तो बच्चा है। 

एक-एक पल मस्ती में डूबे,
ऐसे करें हम हंगामे । 


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