न जाने किस मोड़ पे,
तू मिला था मुझे,
मैं तुझमें खो बैठी,
मिली मुझे मंज़िलें (x2)
आ... तुझे मिले बिना,
मैं न जी सकी,
आ, मुझको दे दे तू,
दुनिया की सारी खुशी...
तुझसे मिली तो यूँ लगा,
जैसे मिला मुझे कोई ख़ास,
अब तू मुझे अपना बना,
पूरी कर दे हर एक आस...
आ...
मैं हँसी तो ऐसा लगा,
जैसे दुनिया हो गयी मुझपे फ़िदा,
मेरे हर मुस्कान पे,
मुझे मिली है ढेर सारी दुआ।
तू मुझे देखकर,
हो जाता था बेकाबू ,
फिर भी दिल है कह रहा,
तूने ही किया है जादू ।
ऐसा चढ़ा तेरा नशा,
क्या बताऊँ अब तुझे,
कुछ न रहा अब अधूरा,
ऐसे हैं सिलसिले ।
न जाने किस मोड़ पे,
तू मिला था मुझे,
मैं तुझमें खो बैठी,
मिली मुझे मंज़िलें ।
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