जो वादे किए,
जो सपने देखे,
वह सारे अब तो,
रह गए अकेले।
न रोया था मैं कभी,
क्या खोया हूँ मैं अभी,
तू यह न समझे,
तू यह न जाने,
कैसी है यह बंदिशें ।
तुम से न,
मिलूँगा मैं कभी,
तू जी ले,
अपनी ज़िंदगी ।
मेरी यादों में,
तू है अब भी,
मेरी रगों में,
तू है जी रही,
क्यों हुए हम जुदा, अब तू है ही नहीं ।
कुछ गहरा सा,
था इस बंधन में,
वह गहराई तो,
अब रहे न रहे।
तुम से न,
मिलूँगा मैं कभी,
तू जी ले,
अपनी ज़िंदगी ।
जो सपने देखे,
वह सारे अब तो,
रह गए अकेले।
न रोया था मैं कभी,
क्या खोया हूँ मैं अभी,
तू यह न समझे,
तू यह न जाने,
कैसी है यह बंदिशें ।
तुम से न,
मिलूँगा मैं कभी,
तू जी ले,
अपनी ज़िंदगी ।
मेरी यादों में,
तू है अब भी,
मेरी रगों में,
तू है जी रही,
क्यों हुए हम जुदा, अब तू है ही नहीं ।
कुछ गहरा सा,
था इस बंधन में,
वह गहराई तो,
अब रहे न रहे।
तुम से न,
मिलूँगा मैं कभी,
तू जी ले,
अपनी ज़िंदगी ।
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