इस संसार में,
मिलती हूँ मैं अलग लोगों से,
मगर उन में वह बात नहीं,
जो तुझ में थी।
तुझसे मिली,
तो लगा कि कोई फरिश्ता है तू,
हर मजबूरी को बिन कहे समझे,
हर दर्द के लिए मरहम बने।
कोई तो अच्छे कर्म किए होंगे,
जो तुझसा दोस्त मिला,
जो कभी न टूटा जाता,
ऐसा है हमारा नाता।
इस पूरी दुनिया से,
लड़ने की है ताकत,
एक दूसरे के लिए,
हम साया भी बने कड़कती धूप में।
कहीं पर तो,
बनेगा यह नाता मशहूर,
एक मिसाल बन जाएगी,
जो आने वाले हर पीढ़ी को याद रहेगी।
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