कैसे दिल से निकालूँ उन्हें,
हर पल सताती है,
कैसे यकीन दिलाऊँ अपने आप को,
कि यह लौटती नहीं है ।
यादें हैं,
बातें हैं,
हसीन लम्हे हैं,
शिकायतें भी हैं ।
कुछ देर जो वक़्त बिताऊँ,
अकेले कभी,
झलक दिखती है मुझे,
अपने बीते हुए कल की ।
वह ललकारें,
वह शरारतें,
वह मस्तियाँ,
वह खिला हुआ चेहरा ।
सब एक किताब में कैद है,
अब वह मासूमियत भी,
खो गयी है कहीं,
लौटेगी न यह कभी ।
वक़्त उड़ता है,
बचपन से जवानी का सफर,
कुछ ऐसा है,
कि सुख अब सिर्फ एक वाक्य रह गया है ।
हर पल, हर घड़ी,
याद आते हैं हमारे शिक्षक,
जिन्होंने हमें काबिल बनाया,
हर मुश्किल से लड़ने के लिए ।
मरते दम तक,
मिटेंगी न यह कभी,
पूरी दुनिया हम पीछे छोड़ जाते हैं,
और सिर्फ यादें ले जाते हैं ।
हर पल सताती है,
कैसे यकीन दिलाऊँ अपने आप को,
कि यह लौटती नहीं है ।
यादें हैं,
बातें हैं,
हसीन लम्हे हैं,
शिकायतें भी हैं ।
कुछ देर जो वक़्त बिताऊँ,
अकेले कभी,
झलक दिखती है मुझे,
अपने बीते हुए कल की ।
वह ललकारें,
वह शरारतें,
वह मस्तियाँ,
वह खिला हुआ चेहरा ।
सब एक किताब में कैद है,
अब वह मासूमियत भी,
खो गयी है कहीं,
लौटेगी न यह कभी ।
वक़्त उड़ता है,
बचपन से जवानी का सफर,
कुछ ऐसा है,
कि सुख अब सिर्फ एक वाक्य रह गया है ।
हर पल, हर घड़ी,
याद आते हैं हमारे शिक्षक,
जिन्होंने हमें काबिल बनाया,
हर मुश्किल से लड़ने के लिए ।
मरते दम तक,
मिटेंगी न यह कभी,
पूरी दुनिया हम पीछे छोड़ जाते हैं,
और सिर्फ यादें ले जाते हैं ।
No comments:
Post a Comment