एक छोटी बूँद,
क्या कर सकती है?
सोचा है क्या तुमने कभी?
क्यों होती है यह ज़रूरी?
बूँदें जब गिरती हैं,
तो बन जाता है सागर ।
वैसे ही अगर हम एकजुट हो जाएँ,
तो कोई न कर सकेगा किसी का अनादर ।
बूँदें सिखाती हैं,
कि साथ रहो ।
कभी न होना जुदा,
क्योंकि उसी का दुश्मन उठाएगा फायदा ।
ज़रुरत पड़ने पर,
लेती है बाढ़ का रूप ।
बाढ़ के सूख जाने के बाद,
क्या सुन्दर, क्या कुरुप?
बूँद बुझाती है,
प्यासे की प्यास ।
मगर वह सजाती है,
गंगा के तट को ।
प्रकृति की सुंदरता,
कितनी अनमोल है ।
हर इच्छा करे पूरी,
कभी न रहे कोई इच्छा अधूरी ।
बूँदें हैं भगवान की देन,
व्यर्थ न करना इसे ।
आज-कल पानी की है कमी,
एक दिन ऐसा आएगा जहाँ एक बूँद के लिए तरसेगा आदमी ।
क्या कर सकती है?
सोचा है क्या तुमने कभी?
क्यों होती है यह ज़रूरी?
बूँदें जब गिरती हैं,
तो बन जाता है सागर ।
वैसे ही अगर हम एकजुट हो जाएँ,
तो कोई न कर सकेगा किसी का अनादर ।
बूँदें सिखाती हैं,
कि साथ रहो ।
कभी न होना जुदा,
क्योंकि उसी का दुश्मन उठाएगा फायदा ।
ज़रुरत पड़ने पर,
लेती है बाढ़ का रूप ।
बाढ़ के सूख जाने के बाद,
क्या सुन्दर, क्या कुरुप?
बूँद बुझाती है,
प्यासे की प्यास ।
मगर वह सजाती है,
गंगा के तट को ।
प्रकृति की सुंदरता,
कितनी अनमोल है ।
हर इच्छा करे पूरी,
कभी न रहे कोई इच्छा अधूरी ।
बूँदें हैं भगवान की देन,
व्यर्थ न करना इसे ।
आज-कल पानी की है कमी,
एक दिन ऐसा आएगा जहाँ एक बूँद के लिए तरसेगा आदमी ।