Monday, 27 February 2017

शायरी

१. यह दिल सबसे चाहता है प्यार,
    सभी को बनाए यार,
    सभी के भलाई के लिए रहे तैयार,
     मगर अफ़सोस है कि कोई इससे नहीं करता दुलार।

२. प्यार क्या चीज़ है?
    यहाँ तो नहीं मिलता है,
    किसी मासूम ने है पूछा यह सवाल,
    और मैंने कहा कि  जहाँ रब हो, प्यार वहीं मिलता है।

३. प्यारे शब्दों से भरो अपना कंठ को,
    कहीं नफरत की लगे न नज़र,
    इस दुनिया में हैं बहुत सारे दुश्मन,
    कहीं उनका ही आपको हो न जाए असर। 

४.  बेरहम है वह जो मृत्यु को देखकर कुछ न कर पाए,
     ऐसे लोगों के कारण ही इस देश में है लड़ाई,
     दूसरों की जान को जो न बचा पाया,
     वही है मूर्ख, निर्दयी और हरजाई । 

५.  ज़िन्दगी अपने उसूलों पर जियो,
     न कि नक़ल करके,
      स्वाद तब आता है,
     जब कोई रसोई करता है हाथों को जला के। 


No comments:

Post a Comment